समाज कल्याण विभाग, उत्तराखण्ड

भारत के संविधान के अनुच्छेद 46 के प्राविधानों के आलोक में उत्तराखण्ड सरकार समाज के सर्वाधिक निर्बल वर्गों यथा अनुसूचित जाति, निराश्रित वृद्ध एवं असहाय लोगों के समग्र उत्थान हेतु कृत संकल्प है।
नव गठित उत्तराखण्ड राज्य में 2011 की जनगणना के आधार पर साक्षरता का सकल प्रतिशत 79.60, जिनमें पुरूषों का प्रतिशत 83.30 तथा महिलाओं का प्रतिशत 59.60 है। वर्ष 2011 की जनगणना के आधार पर राज्य की कुल जनसंख्या 1,00,86,292 में से अनुसूचित जाति की जनसंख्या 18,92,516 तथा अनुसूचित जनजाति की जनसंख्या 2,91,903 हैं। प्रदेश की कुल जनसंख्या में अनुसूचित जातियों की जनसंख्या 19 प्रतिशत है तथा अनुसूचित जनजातियों की जनसंख्या 4 प्रतिशत है। आबादी के इस शोषित एवं उपेक्षित वर्ग के सर्वांगीण विकास के बिना प्रदेश का विकास भी सम्भव नहीं है। विकास के इस मुख्य बिन्दु को ध्यान में रखते हुए ही समाज कल्याण विभाग की स्थापना की गयी है।


बौना पेंशन योजना


बौना पेंशन योजना-

बौने व्यक्ति को समाज के साथ तथा सामाजिक परिवेश में अपने जीवन-यापन करने मे कठिनाई का सामना करना पड़ता है अतः उत्तराखण्ड़ राज्य के बौने व्यक्तियों को समाज की मुख्य धारा से जोड़ने के उद्देश्य से बौना पेंशन प्रदान की जाती है।
पात्रता-
1.योजना का लाभ ऐसे  व्यक्तियों को अनुमन्य होगा जिनकी ऊॅचाई 04 फिट से कम हो।
2. आयु 21 वर्ष अथवा उससे अधिक हो, तथा सामाजिक सुरक्षा कार्यक्रम के अन्तर्गत किसी अन्य योजना का लाभ प्रदान नही हो रहा हो।
3. इस योजना के अन्तर्गत पात्रता हेतु मासिक आय सीमा का प्राविधान नही है।
4. इस योजना के अन्तर्गत रूपये 800/- प्रतिमाह आर्थिक सहायता प्रदान किए जाने का प्राविधान किया गया है।

किसान पेंशन योजना


उत्तराखण्ड राज्य में 60 वर्ष से अधिक आयु एवं 02 हेक्टेयर तक के ऐसे भूमिधर किसानों, जो स्वयं की भूमि में खेती करते होें, को ‘‘किसान पेंशन योजना‘‘ का लाभ निम्नलिखित मानक/शर्तो के अधीन अनुमन्य किये जाने की श्री राज्यपाल सहर्ष स्वीकृति प्रदान करते हैः-
किसान पेंशन योजना-
1- किसान पेंशन योजना के अन्तर्गत उक्त श्रेणी के किसानों को समाज कल्याण विभाग द्वारा संचालित वृ़द्धा, विधवा एवं विकलांग पेंशन योजना की भांति रू0 800/-(रूपये आठ सौ मात्र) प्रतिमाह पेंशन अनुमन्य की जायेगी।
2. किसान पेंशन योजना के पात्र लाभार्थियों को किसान पेंशन योजना के अतिरिक्त अन्य किसी स्रोत से पेंशन अथवा अनुदान देय नहीं होगा।
3-किसान पेंशन योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए ऐसे किसानों को अपनी भूमि के सम्बन्घ में रू0 10/- के स्टाम्प पेपर पर शपथ-पत्र प्रस्तुत करना होगा।
4- ऐसे किसान जो वर्तमान में स्वयं की भूमि में खेती कर रहे हों तथा जिस दिन से ऐसे किसानों द्वारा स्वयं की भूमि पर खेती करने का कार्य बन्द किया जायेगा, उसी दिन से इस योजना के अन्तर्गत दी जा रही पेंशन की सुविधा स्वतः समाप्त हो जायेगी।

विधवा पेंशन 

निराश्रित विधवा भरण पोषण अनुदान

पात्रता-
1- विधवा महिला की उम्र 18 वर्ष से 60 वर्ष होनी चाहिये।
2- लाभार्थी बी0 पी0 एल0 श्रेणी का हो अथवा उसकी मासिक आय रू 4000 तक हो।
3- अभ्‍यर्थी  के कोई पुत्र / पौत्र यदि 20 वर्ष से अधिक आयु का न हो । यदि 20 वर्ष से अधिक आयु का पुत्र /पोत्र  हो तो वह  गरीबी की रेखा से नीचे जीपन यापन कर रहे हो तो ऐसे अभ्‍यर्थी को पेंशन से वंचित नहीं किया जायेगा।
अनुदान-
     इस  योजनार्न्‍तगत निराश्रित विधवाओं को  800/ मासिक भरण- पोषण अनुदान दिया जाता है ।
भरण-पोषण अनुदान  का भुगतान-
     भरण-पोषण अनुदान का त्रैमासिक भुगतान लाभार्थी के नाम से खोले गये बैंक/पोस्‍ट आफिस खाते के माध्‍यम से भुगतान किया जाता है !
इन्दिरा गॉधी राष्ट्रीय विधवा पेंशन योजना : 

इस योजना में निराश्रित विधवा भरण पोषण के पात्र लाभार्थी में से ही बी० पी०एल० चयनित परिवारों की 40 वर्ष से 79 वर्ष आयु की विधवा महिलाओं को ही इस योजना से आच्छादित किया जाता है । इस योजना में दिनांक 1.10.2012 से राज्य सरकार द्वारा रु.500/-तथा रु.300/-केन्द्र सरकार द्वारा प्रदान की जाती है। इस प्रकार इन्दिरा गॉधी राष्ट्रीय विधवा पेंशन योजना के लाभार्थियों को प्रतिमाह रु० 800.00 मासिक पेंशन प्रदान की जाती है।

विकलांग पेंशन

विकलांग भरण पोषण अनुदान:-

      प्रदेश में दृष्टिबाधित, मूक बधिर तथा शारीरिक रूप से विकलांग निराश्रित ऐसे व्यक्तियों को जिनका जीवन यापन के लिए स्वयं का न तो कोई साधन है और न ही वे किसी प्रकार का ऐसा परिश्रम कर सकते हैं, जिससे उनका भरण पोषण हो सके, इस उद्देष्य से निराश्रित विकलांगजनों को सामाजिक सुरक्षा के अर्न्तगत जीवन-यापन हेतु सरकार की कल्याणकारी योजना के अर्न्तगत निराश्रित विकलांग भरण-पोषण अनुदान दिये जाने की योजना लागू की गयी जिसे सामान्यतया विकलांग पेंशन के नाम से भी जाना जाता है।  
   विभिन्‍न श्रेणी के निराश्रित विकलांग व्‍यक्तियों को निम्‍न मानकों एवं दरों के अनुसार भरण पोषण अनुदान दिया जाता है:-
1- अभ्‍यर्थी की विकलांगता कम से कम 40 प्रतिशत होने का प्रमाण-पत्र मुख्‍य चिकित्‍सा अधिकारी द्वारा प्रदान किया गया हो ।
2- अभ्यर्थी की आय का कोई साधन न हो अथवा बी०पी०एल० चयनित परिवार से संबंधित हो अथवा मासिक आमदनी रु०  4000/- तक हो । 
3- अभ्यर्थी का पुत्र/पौत्र 20 वर्ष से अधिक आयु का है, किन्तु गरीबी की रेखा के नीचे जीवन यापन कर रहा हो, तो ऐसे अभ्यर्थी भरण-पोषण अनुदान के पात्र होंगे।   
4- विकलांग भरण पोषण अनुदान रुपये 800/- प्रतिमाह।
5- कुष्ठ रोग से मुक्त विकलांगों को रुपये 1000/- प्रतिमाह।
6- 0-18 वर्ष तक की आयु से विकलांग बच्चों के अभिभावकों को रुपये500.00 मासिक भत्ता दिया जाता है।
7- मानसिक रूप से विकलांग पत्नी/पति को रुपये(800+400)=1200.00 की मासिक पेंशन दी जाती है।
 इन्दिरा गॉधी राष्ट्रीय विकलांगता पेंशन योजनार्न्‍तगत गरीबी की रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले 18 वर्ष  से 59 वर्ष तक आयु के 80% विकलांग अथवा बहु  विकलांगता वाले अभ्यर्थी को कुल रु 800.00 जिसमें  रु 600.00 राज्य सरकार तथा रुपये 200.00 भारत सरकार द्वारा अनुदान दिया जायेगा।
इन्दिरा गॉधी राष्ट्रीय विकलांग पेंशन योजना :
  इस योजना में निराश्रित विकलांग पेंशन पाने के पात्र व्यक्तियों में से ही बी०पी०एल० चयनित परिवारों के 18 वर्ष से 59 वर्ष आयु के 80 प्रतिशत विकलांगता अथवा बहुविकलांगता वाले विकलांग जनों को इस योजना से आच्छादित किया जाता है । इस योजना  के अन्तर्गत रू. 800.00 पेंशन दी जाती है जिसमे राज्य सरकार द्वारा रु.600/- तथा रु. 200/-की धनराशि केन्द्र सरकार द्वारा प्रदान की जाती है।इस प्रकार इस योजना में दिनांक 1.10.2012 से इन्दिरा गॉधी राष्ट्रीय विकलांग पेंशन योजना के लाभार्थियों को प्रतिमाह रु० 800.00 मासिक पेंशन प्रदान की जाती है।

वृद्धावस्‍था पेंशन योजना


वृद्धावस्‍था 
पेंशन योजना : 
    सामाजिक सुरक्षा के अर्न्तगत निराश्रित वृद्धजनों को उनके भरण पोषण हेतु वृद्धावस्था पेंशन योजना लागू की गयी है जिसमें 60 वर्ष से अधिक आयु के निराश्रित वृद्धजनों को निम्न मानकों/शर्तो के अर्न्तगत पेंशन प्रदान करने की योजना है।       
    पेंशन पाने हेतु नियम :
•  लाभार्थी की उम्र 60 वर्ष या अधिक होनी चाहिए।
• लाभार्थी बी0पी0एल0 परिवार का हो अथवा उसकी मसिक आय रु.4000/- तक हो।
•  अभ्यर्थी के कोई पुत्र/पौत्र यदि 20 वर्ष से अधिक आयु के हो किन्तु  गरीबी  की रेखा के नीचे जीवन यापन कर रहे हो तो ऐसे अभ्यर्थी पेंशन से वंचित नही किया जावेगा।
•  गरीबी की रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले 60 वर्ष से अधिक आयु के समस्त अभ्यर्थी राष्ट्रीय वृद्धावस्था पेंशन योजना में पात्र होंगे।
•  60 वर्ष या अधिक आयु के वृद्धजन जो बी.पी.एल.चयनित परिवार के सदस्य न हों उन्हें पेंशन की पूरी धनराशि राज्य सरकार द्वारा दी जाती है।
 

i)  इन्दिरा गॉधी राष्ट्रीय वृद्धावस्था पेंशन योजना : 
यह योजना राज्य सरकार द्वारा संचालित की जा रही वृद्धावस्था पेंशन योजना के साथ संचालित की जाती है तथा 60 वर्ष एवं इससे ऊपर के पेंशनर जो बी०पी०एल० परिवार के हों ,को रूपये 800/- प्रतिमाह पेंशन दी जाती है। प्रतिमाह रु.800/-में  रूपये 200/- प्रतिमाह केन्द्रांश से तथा  रूपये 600/- राज्य सरकार द्वारा वहन किया जाता है।

तिलू रौतेली विशेष पेंशन योजना


कृषि व्यवसाय में संलग्न महिलाओं के कृषि कार्य में विकलांग होने की स्थिति में उन विकलांग महिलाओं को ‘‘तिलू रौतेली विशेष पेंशन योजना‘‘ के अन्तर्गत प्रतिमाह रू0 800/- भरण पोषण अनुदान प्रदान किये जाने के लिए राज्य में पूर्व से संचालित ‘‘विकलांग भरण पोषण अनुदान योजना‘‘ के प्राविधानों में निम्न शर्तो एवं प्रतिबन्धों के अधीन शिथिलता प्रदान किये जाने की श्री राज्यपाल सहर्ष स्वीकृति प्रदान करते हैः-
तिलू रौतेली विशेष पेंशन योजना
1- प्रश्नगत योजना राज्य में पूर्व से संचालित ‘‘विकलांग भरण पोषण अनुदान योजना‘‘ में शिथिलता प्रदान करते हुए प्रारम्भ की  जा रही है। शिथिलीकरण के फलस्वरूप ग्रामीण क्षेत्रों में कृषि व्यवसाय में संलग्न महिलाओं के कृषि कार्य में विकलांग होने के  फलस्वरूप विशेष परिस्थिति में यह सहायता प्रदान की जा रही है। अतः पूर्व से लागू योजना के रहते हुए भी इस योजना का  नाम ‘‘तिलू रौतेली विशेष पेंशन योजना‘‘ दिया जा रहा है।
2- प्रश्नगत योजना में मासिक आय सीमा का प्राविधान नहीं है तथा योजना 01 अप्रैल, 2014 से लागू है।
3- योजना का लाभ ऐसी ग्रामीण महिलाओं को अनुमन्य होगा, जिनकी विकलांगता का प्रतिशत 20 से 40 के मध्य हो।
4- महिला की उम्र 18 वर्ष से अधिक एवं 60 वर्ष तक हो तथा सामाजिक सुरक्षा कार्यक्रम के अन्तर्गत किसी अन्य योजना का  लाभ प्रदान नहीं हो रहा है।
5- ऐसी महिला यदि 60 वर्ष की उम्र प्राप्त कर लेती है एवं तत्समय वह वृद्धावस्था पेंशन हेतु पात्रता में आती है, तो उसे  वृृद्धावस्था पेंशन स्वीकृत की जायेगी एवं यह सुविधा समाप्त कर दी जायेगी। प्रतिबन्ध यह है कि जब तक सम्बन्धित महिला  को वृद्धावस्था पेंशन स्वीकृत/भुगतान नहीं होती, तब तक उसे इस योजना से पेंशन जारी रखी जायेगी।

शादी हेतु अनुदान योजना


शादी हेतु अनुदान योजना-
अनुसूचित जाति / अनुसूचित जनजाति के गरीबी की सीमा रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले परिवार, जिनकी आय सीमा रू. 15,000/-  (रू. पन्द्रह हजार मात्र) वार्षिक अथवा बी.पी.एल. परिवार से सम्बन्धित हों, को अधिकतम दो पुत्रियों के विवाह हेतु आर्थिक सहायता के रूप में एकमुश्त रू. 50,000/- (रू. पचास हजार मात्र) तक की धनराशि प्रदान की जाएगी। सामान्य श्रेणी के बी.पी.एल. परिवार की विधवाओं की अधिकतम दो पुत्रियों को भी उनके विवाह हेतु आर्थिक सहायता के रूप में एकमुश्त रू. 50,000/- (रू. पचास हजार रू. मात्र) तक की धनराशि प्रदान की जायेगी।

औपचारिकतायें
1 आय एवं जाति प्रमाण पत्र तहसीलदार द्वारा निर्गत हो।
2 वर एवं वधु की परिवार रजिस्टर की नकल।
3 शादी का कार्ड/विवाह प्रमाण पत्र ग्राम प्रघान से ।
4 शपथ पत्र ।

बीमारी के इलाज हेतु अनुदान


इस योजना के अन्तर्गत गरीब अनुसूचित जाति/जनजाति के व्यक्तियों हेतु गंभीर बीमारी के ईलाज हेतु चिकित्सा अधिकारी की संस्तुति पर रू0 10,000/- की आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है।
अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के निर्धन व्यक्तियों की बीमारी के इलाज हेतु अनुदान-
पात्रता-
1.   आवेदक बी0पी0एल0 हो अथवा उसके परिवार की वार्षिक आय रूपये 15,000/- से अधिक नही होनी चाहिए।
2.   आवेदक अनुसूचित जाति/जनजाति का हो।

औपचारिकतायें-
1.       आय एवं जाति प्रमाण पत्र तहसीलदार से (अद्यावधिक हो)।
2.       निर्धारित आवेदन पत्र पर सरकारी चिकित्सा अधिकारी की संस्तुति हो।
3.       परिवार रजिस्टर की नकल छायाप्रति, राशन कार्ड की छायाप्रति संलग्न हो।

गौरादेवी कन्याधन योजना 
प्रश्न- गौरादेवी कन्याधन योजना के अन्तर्गत किस प्रकार बालिका को योजना का लाभ प्रदान किया जाता हैः- 
उत्तर- योजनान्तर्गत गरीबी की रेखा से नीचे निवास कर रहे समस्त परिवारों की बालिकाओं एंव अनुसूचित जाति की बालिकाओं द्वारा इण्टरमीडिएट परीक्षा उत्तीर्ण करने पर बालिका को उसके नाम से रू० 50,000/- (रूपये पचास हजार मात्र) की धनराशि  स्वीकृत की जाती है।
प्रश्न- योजना के अन्तर्गत किस तरह की बालिका पात्र होगीः- 
उत्तर- (क) योजनान्तर्गत अनुसूचित जाति वर्ग एंव सामान्य जाति वर्ग की ऐसी बालिका पात्र होगी,जिसने राज्य में स्थित केन्द्र सरकार/राज्य सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त बोर्ड के अधीन किसी विद्यालय से इण्टरमीडिएट या समकक्ष परीक्षा उत्तीर्ण की हो। योजना के अन्तर्गत संस्थागत तथा व्यक्तिगत दोनों ही प्रकार की बालिकायें पात्र होगी, परन्तु व्यक्तिगत छात्रा के मामले में छात्रा अविवाहित होनी चाहिए तथा उसकी आयु अनुदान स्वीकृत होने के वर्ष की 01 जुलाई को 25 वर्ष से अधिक नही होनी चाहिए ।
(ख) पूर्ण कालिक/अंच्च कालिक रूप से सेवायोजित छात्रा इस सुविधा हेतु पात्र नही        होगी ।
प्रश्न-योजनान्तर्गत आवेदन करने हेतु छात्रा के माता/पिता तथा अभिभावक की वार्षिक आय क्या होनी चाहिएः- 
उत्तर- गौरादेवी कन्याधन योजना के अन्तर्गत ग्रामीण/च्चहरी क्षेत्र में बी.पी.एल. क्रमॉक अंकित अथवा  ग्रामीण क्षेत्र में वार्षिक आय 15976/- के आय प्रमाण पत्र तथा शहरी क्षेत्र में रूपये 21206/- की वार्षिक आय प्रमाण पत्र जो राजस्व विभाग के सक्षम अधिकारी जिसका स्तर तहसीलदार से कम न हो। (यदि बी०पी०एल० श्रेणी के हों तो आय प्रमाण-पत्र की आवश्‍यक्‍ता  नही होगी ।)
प्रश्‍न- गौरादेवी कन्याधन योजना के आवेदन पत्र कहॉ से प्राप्त किये जायगें।   
उत्तर- गौरादेवी कन्याधन योजना के आवेदन पत्र संबंधित विद्यालय जहॉ से बालिका द्वारा इन्टरमीडिएट परीक्षा उत्तीर्ण की हों, संबंधित जिले के जिला प्रोवेशन अधिकारी कार्यालय, जिला समाज कल्याण अधिकारी कार्यालय,संबंधित खण्ड विकास अधिकारी कार्यालय में तैनात सहायक समाज कल्याण अधिकारी से निशुल्‍क प्राप्त किये जा सकते है।
प्रश्‍न- आवेदन पत्र के साथ क्या-क्या प्रमाण पत्र संलग्न करने आवश्‍यक हैः-
उत्तर- आवेदन पत्र के साथ निम्न प्रमाण पत्र अनिवार्य रूप से संलग्न किये जायेगे-(1) छात्रा की तीन फोटो (2) आई.डी (3) परिवार रजिस्टर की नकल (4) इन्टरमीडिएट उत्तीर्ण अकंतालिका (5) आयु सम्बन्धी प्रमाण-पत्र( हाईस्कूल उत्तीर्ण अंक तालिका के अनुसार) (6) बी.पी.एल.क्रमॉक/आय प्रमाण पत्र ।
प्रश्‍न- योजनान्तर्गत आवेदन पत्र जमा करने की अन्तिम तिथि क्या हैः-
उत्तर- गौरादेवी कन्याधन योजना के अन्तर्गत आवेदन पत्र जमा करने की अन्तिम निर्धारित तिथि कलैन्डर वर्ष की 30 सितम्बर है। निर्धारित तिथि 30 सितम्बर के बाद प्राप्त आवेदन पत्रों पर कोई विचार नही किया जायेगा ।
प्रश्‍न- गौरादेवी कन्याधन योजना के आवेदन पत्र कहॉ जमा किये जायगे।
उत्तर- गौरादेवी कन्याधन योजना के आवेदन पत्र संबंधित विकास खण्ड कार्यालय या सहायक समाज कल्याण अधिकारी के पास 30 सितम्बर तक जमा किये जा सकते है।
प्रश्‍न- एक परिवार की अधिकतम कितनी बालिकाओं को इस योजना का लाभ मिल सकता हैः-
उत्तर- एक परिवार (एक दम्पति) की अधिकतम दो पुत्रियों को ही योजना का लाभ मिल     सकता है।
प्रश्‍न- योजनान्तर्गत बालिकाओं का चयन एंव अनुदान स्वीकृति की प्रक्रिया क्या हैः-
उत्तर- राज्य स्तर तथा जनपद स्तर पर विज्ञापनों का प्रकाच्चन कर 30 सितम्बर तक आवेदन पत्र प्राप्त किये जायगे योजनान्तर्गत बालिकाओं का चयन एंव अनुदान स्वीकृति हेतु प्रत्येक जनपद में जिलाधिकारी की अध्यक्षता में निम्नानुसार एक     जनपदीय समिति का गठन किया जायेगा ।
    (1)  जिलाधिकारी                                       अध्यक्ष
    (2)  मुख्य विकास अधिकारी                            सदस्य
    (3)  जिला शिक्षा अधिकारी                              सदस्य
    (4)  जिला कार्यक्रम अधिकारी आई०सी०डी०एस०         सदस्य
    (5)  जिला समाज कल्याण अधिकारी                    सदस्य/सचिव
प्रश्‍न- योजनान्तर्गत धनराशि  स्वीकृति होने पर बालिका को किस प्रकार भुगतान प्राप्त होगा।
उत्तर- योजना के अन्तर्गत स्वीकृति धनराशि  का भुगतान दो प्रकार से हो सकेगा। छात्रा को निम्न दो विकल्पों में से किसी एक का चयन करना होगाः-
    (1) छात्रा के नाम राष्ट्रीय बचत पत्र अथवा
    (2) धनराशि भारतीय स्टेट बैक की शाखा में छात्रा के नाम से तीन से पांच वर्ष की सावधि जमा।    
धनराशि स्वीकृति होने के उपरान्त एन०एस०सी०/एफ०डी० रजिस्टर्ड पोस्ट के माध्यम से संबंधित बालिका को उसके निवास स्थान पर ही उपलब्ध कराई जाएगी ।
प्रश्‍न- प्रदेश से बाहर के विद्यालयों में अध्ययरत बालिकाओ को इस योजना का लाभ प्राप्त होगा कि नहीः-
उत्तर- जिसने राज्य में स्थित केन्द्र सरकार /राज्य सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त बोर्ड के अधीन किसी विद्यालय से इण्टरमीडिएट या समक्ष परीक्षा उत्तीर्ण की हो वही बालिका पात्र होगी। प्रदेश से बाहर अन्य प्रदेशों से इन्टरमीडिएट उत्तीर्ण बालिका इस प्रदेश से इस योजना के लिए पात्र नही होगी।

पूर्व दशम छात्रवृत्ति


पूर्व दशम छात्रवृत्तिः-

प्रदेश के विद्यालयों में अध्ययनरत् कक्षा 1 से 8 तक के सभी जनजाति के छात्र/छात्राओं को छात्रवृत्ति प्रदान की जा रही है । अशासकीय विद्यालयो में अध्ययनरत् जनजाति छात्र/छात्राओं के माता-पिता/अभिभावक की मासिक आय रू. 5000/- से अधिक नही होनी चाहिए।

जनजातीय कार्य मन्त्रालय, भारत सरकार, नई दिल्ली के पत्र दिनांक 10 सितम्बर, 2012 द्वारा कक्षा 09 व 10 के जनजातीय छात्र/छात्राओं हेतु जिनके परिवार की वार्षिक आय रू0 2.00 लाख से अधिक न हो, छात्रावासी (Hosteller) हेतु छात्रवृत्ति रू0 350.00 प्रतिमाह की दर से 10 माह के लिए एवं पुस्तकीय व अनावर्ती सहायता रू0 1000.00 प्रतिवर्ष तथा बिना छात्रावासी (Day Hostellers) हेतु छात्रवृत्ति रू0 150.00 प्रतिमाह की दर से कुल 10 माह के लिए और पुस्तकीय व अनावर्ती सहायता रू0 750.00 प्रतिवर्ष की दर से वहन किए जाने की दिनांक 01.7.2012 से योजना प्रारम्भ की गई है l

दशमोत्तर कक्षाओं के छात्रों के लिए छात्रवृत्ति


उत्तराखण्ड प्रदेश में अनुसूचित जनजाति के उन समस्त छात्र/छात्राओं को दशमोत्तर कक्षाओं में छात्रवृत्ति प्रदान की जाती है, जिनके माता पिता/अभिभावक की वार्षिक आय समस्त स्रोतों से रू0 2.50 लाख  (रूपये दो लाख पचास हजार मात्र) से अधिक नही है, यह छात्रवृत्ति भारत सरकार द्वारा निर्धारित नियमावली के अन्तर्गत प्रदान की जाती है, प्रदेश के उन छात्र/छात्राओं को भी छात्रवृत्ति प्रदान की जाती है जो प्रदेश से बाहर विभिन्न कालेजों में उच्च शिक्षा में अध्ययनरत् है।
दशमोत्तर कक्षाओं के छात्रों के लिए छात्रवृत्ति-


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